Thursday, April 25, 2013

जीना इसी का नाम है

दोस्तों ,लोग कहते जीवन जीना कठिन है /पर मेरा मानना  है कि जीवन अपने मुताबिक  जी पाना कठिन है/हर चीज़ आपके अनुसार नहीं हो सकती/आप हर कुछ और हर किसी को पा नहीं सकते /ऐसे में व्यक्ति खुद को अकेला महसूस करने लगता है और  त्रस्त होकर दिल से आवाज़ आती है -
                                        "हाल अपना क्या बताऊँ
                                          बात कुछ ख़ास नहीं
                                         आगे पड़ी है ज़िन्दगी
                                         पर उससे कोई आस नहीं /"
 मेरा मानना है की जीवन जीना भी एक कला है /यह आप पर निर्भर करता है की आप अपने जीवन रूपी चित्र को हरा-भरा कर दें या फिर उसे उष्ण रँगों की तपिश में झोंक दें /जीवन के इन्हीं उसूलों को समेटे हुए है मेरी ये  कविता -
                                       "जीना इसी का नाम है "
कठिन है यह ज़िन्दगी
जीना भी एक कला है
ज़िन्दगी कि इस कशमकश में
हर बार कोई न कोई जला है /

 बचपन की दोस्ती नज़दीकियाँ
 दूरियों में बदल जाती हैं
 अँधेरा क्या छाता है
 परछाईयाँ दगा दे जाती हैं /

टूटता है विश्वास तो
चनक सी सीने में होती है
यूँ तो पोंछ लेते हैं हम आँसूवों को
पर वह जख्म तो सदा हरी होती है /

मतलबपरस्तों से भरी है ये दुनिया
इस मतलब को समझ लेना है
करोडों की भीड़ में
तू तो बस एक छोटा सा खिलौना है /

टूटने पर टूटना नहीं
छुटने पर छुटना नहीं
मिल जायेंगे अपने लाखों यहाँ
बस आँखों को अपने मूंदना नहीं /

आँखें खुली रखना,बाहें फैलाये रखना
छलकनी चहिये  खुसी चेहरे से
क्यूँकि  यही तो ज़िन्दगी का जाम है
आखिर जीना इसी का नाम है/
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