#slapfest
आज न्यूज़ देखते समय नज़र टिकी एक न्यूज पर।बहुत ही खास थी।पढ़ा तो पता चला धौंस दिखाने के चक्कर में एक नेत्री को एक सिपाही साहिबा ने दिन में तारों की सैर करवा दी।अच्छा लगा पढ़कर और सिपाही साहिबा की भी तारीफ करने को जी चाहा -
नेत्री जी अड़ गईं
एक तमाचा तपाक जड़ गईं
सोचा सियासत का जोर है
बेचारा!कानून कितना कमजोर है
और ये सिपाही
आखिर सिपाही ही तो है
उसके पास तो केवल डंडा है
जो बामुश्किल चलता है
मेरे पास लोकनायिका होने का गौरव है
जो हर जगह अकड़ता है
सिपाही महिला ही थी
देखा जाए तो ये अच्छी बात थी
अगर पुरुष होता तो
शायद,शायद दो राय होती
मीडिया पता नहीं किसकी
मुखातिब होती
Feminism से भैया मुझे
थोड़ा डर सा लगता है
लेकिन lady feminist को सिपाही
के रूप में देख सुकून सा मिला
कोई अड़चन नहीं, कोई बाधा नहीं
और!तपाक एक चांटा नेत्री के गाल पर
आह!लहलहा उठा वातावरण
जैसे को तैसा
शायद न सोचा होता ऐसा
अचम्भा,अद्धभुत,हाय
कानून नहीं इतना असहाय
सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी
आज अब और यहीं घटी।
©युगेश
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आज न्यूज़ देखते समय नज़र टिकी एक न्यूज पर।बहुत ही खास थी।पढ़ा तो पता चला धौंस दिखाने के चक्कर में एक नेत्री को एक सिपाही साहिबा ने दिन में तारों की सैर करवा दी।अच्छा लगा पढ़कर और सिपाही साहिबा की भी तारीफ करने को जी चाहा -
नेत्री जी अड़ गईं
एक तमाचा तपाक जड़ गईं
सोचा सियासत का जोर है
बेचारा!कानून कितना कमजोर है
और ये सिपाही
आखिर सिपाही ही तो है
चित्र-गूगल आभार |
जो बामुश्किल चलता है
मेरे पास लोकनायिका होने का गौरव है
जो हर जगह अकड़ता है
सिपाही महिला ही थी
देखा जाए तो ये अच्छी बात थी
अगर पुरुष होता तो
शायद,शायद दो राय होती
मीडिया पता नहीं किसकी
मुखातिब होती
Feminism से भैया मुझे
थोड़ा डर सा लगता है
लेकिन lady feminist को सिपाही
के रूप में देख सुकून सा मिला
कोई अड़चन नहीं, कोई बाधा नहीं
और!तपाक एक चांटा नेत्री के गाल पर
आह!लहलहा उठा वातावरण
जैसे को तैसा
शायद न सोचा होता ऐसा
अचम्भा,अद्धभुत,हाय
कानून नहीं इतना असहाय
सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी
आज अब और यहीं घटी।
©युगेश