Thursday, April 19, 2018

सिसकी

सिसकी जो निकली तो जान निकल गयी
हैरत तो तब हुई जब बच्ची बच्ची नहीं
हिन्दू और मुसलमान निकल गयी
कठुआ हो या उन्नाव
या कोई और जगह
माँ को तकलीफ तब हुई
जब बच्ची घर से परेशान निकल गयी
कहीं दुबक के बैठी थी वेदना
वेदना का चोला ओढ़े जब
राजनीति बेशुमार निकल गयी
निर्भया के आँसू अभी सूखे नहीं थे
इंसानियत बेसुध पड़ी रही मंदिर में
हैवानियत उससे होकर सरेआम निकल गयी
©युगेश
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Saturday, April 7, 2018

Black buck और भाई

Black buck को धराशायी कर
फिल्हाल भाईजान धराशायी हो गए
कुछ खुश हो गए
तो भाई के fans रूष्ट हो गए
आखिर भाई ने इतनों का भला किया
चित्र- गूगल आभार 
हिरण की आत्मा ने पुकार लगाई
तो साले मैंने किसका बुरा किया
सुना 20 साल हो गए
अब तो उसके पुनर्जन्म की बात होगी
अरे!आपने फिल्में नहीं देखी
उसे इंसाफ मिला नहीं
आत्मा उसकी जरूर भटकती होगी
कुछ बाबाओं से पता चला
वही जो जेलों में बंद हैं
अंदर हैं तो क्या
अभी भी उनमें काफी दम है
कि आत्मा हिरण की
आजकल जोधपुर जेल के चक्कर काटती है
डरी सहमी सी है
पता चला आगे अपील भी हो सकती है
और लाकर रखा कहाँ जोधपुर
रिहा होकर आ गए तो
अपना घर तो बगल में ही है
अरे यही राजस्थान
निकल लिए gun लेकर
और गन-गना दिए तब
इससे पहले वो पधारे मारे देश
बिरादरी वालों को मैं बोल दूँ
निकल लो बेटा परदेस।
©युगेश

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